Budget 2024: हर साल की तरह इस साल 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया जाएगा. 2024 आम चुनावों का साल होने के कारण इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में वोट ऑन अकाउंट बजट पेश करने वाली हैं. वोट ऑन अकाउंट बजट के जरिये केंद्र सरकार कुछ महीनों के लिए खर्चों का हिसाब-किताब पेश करती है, जिससे कि चुनावों के पूरा होने तक का काम चल जाए. उसके बाद नई सरकार लोकसभा चुनावों के बाद अपनी सरकार का सरकार पूर्ण बजट लेकर आएगी.
‘भारत अगले 3 वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था’
सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश नहीं होगा, इसलिए वित्त मंत्रालय ने 29 जनवरी को “भारतीय अर्थव्यवस्था – एक समीक्षा” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि भारत अगले 3 वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. भारत वित्त वर्ष 2024 में 7.2% की जीडीपी वृद्धि दर को पार करने के लिए तैयार है, जो विकास हासिल करने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के संघर्ष को पीछे छोड़ देगा.रिपोर्ट में कहा गया है कि दर 3% से अधिक है. उम्मीद है कि 2024 में लगातार तीसरे साल भारतीय अर्थव्यवस्था में 7 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. यूके और यूएसए के बाद भारत वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान भी रखता है.
संसद का बजट सत्र
यह पूर्ण बजट सत्र नहीं है, इसलिए इस साल आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया जाएगा. लोकसभा चुनाव से पहले संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा. पूर्ण बजट और आर्थिक सर्वेक्षण जुलाई में पेश किया जाएगा जब नई सरकार का गठन किए जाएगा.
जानें क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय बजट से एक दिन पहले केंद्र द्वारा प्रस्तुत किया गया दस्तावेज है. यह एक व्यापक वार्षिक रिपोर्ट है जो पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के पूरा ब्यौरा होता है. आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले बजट के कामकाज पर प्रकाश डाला जाता है और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे क्या हो सकता है, इस पर जानकारी साझा की जाती है.