सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी महाराज को 2 मई को आफ्टरनून वॉयस की ओर से मुंबई में आयोजित एक भव्य समारोह में बेस्ट स्प्रिचुअल लीडर के न्यूज़मेकर्स अचीवमेंट अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों श्री ऋतेश्वर महाराज जी को यह अवार्ड मिला।

सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी महाराज को आध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस बार आध्यात्म की दुनिया में और देश की सामाजिक संस्कृति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी महाराज को सम्मानित किया गया.

वैदेही तमन द्वारा यह पुरस्कार दिया जाता है। वैदेही तमन आफ्टरनून वॉयस एंड द डेमोक्रेसी की एडिटर हैं।सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस मेरे बहुत करीबी रहे हैं, बहुत अच्छे इंसान भी हैं, उनके हाथों मुझे यह अवार्ड मिला। यह पुरस्कार मैंने अपने देश, सनातन संस्कृति और देश के अच्छे लोगों के लिए समर्पित किया है।

मुम्बई जैसी मायानगरी में ग्लैमर की दुनिया के भी कई लोग आत्महत्या की तरफ चले जाते हैं। दिव्या भारती, सुशान्त सिंह राजपूत जैसे सितारे भी अपनी जान को गंवा देते हैं जिनके पास सबकुछ था। जीविका की विद्या कान्वेंट स्कूल में मिल जाती है मगर जीवन की विद्या सद्गुरु के पास मिलती है। मैं देश के तमाम राज्यों की राजधानियों में बड़े सेमिनार करता हूँ। उसमें लाखों लोग आते हैं। अगर आपके पास आनंद और सुकून नहीं है तो आपके पास कुछ भी नहीं है। जो प्राप्त है वही पर्याप्त है, नही तो सर्वत्र दुख व्याप्त है। न भोगना है न भागना है, आपको जागना है। जागृति का नाम ही धर्म है।

सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी महाराज ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि किसी भी बच्चे का रोल मॉडल उसके मां बाप नहीं होते बल्कि फ़िल्म स्टार्स होते हैं। मां बाप को सोचना चाहिए कि हम में कोई कमी रह गई है जिसकी वजह से हमारी औलाद हमें रोल मॉडल नहीं मानती।

आपको बता दें कि 6 मई को भारत गौरव अवार्ड दिल्ली में होने जा रहा है जिस के लिए सद्गुरू श्री ऋतेश्वर जी महाराज को आमंत्रित किया गया है।

वह कहते हैं “मैंने अवार्ड के लिए कभी कोई काम नहीं किया, मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे अवार्ड मिलेंगे। या अवार्ड लेने मैं जाऊंगा लेकिन लोगों ने मुझसे कहा कि जाने से लोगों के अंदर जागृति होगी। आप ईश्वर, गुरु और धर्म से मुख मोड़कर परछाई रूपी अपने सुख को पाना चाहते हो, तो सफलता आपसे एक कदम दूर होती जाती है।”

मथुरा वृन्दावन से पधारे सुविख्यात स्वामी श्री रितेश्वर जी महाराज ने कहा कि दुनिया तो सत्य से चलती है। लार्ड मैकाले की शिक्षा व्यवस्था को खत्म कर सनातन संस्कृति की शिक्षा व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए क्योंकि मैकाले की शिक्षा व्यवस्था ने अंग्रेजियत और गुलामी का बीज बोया है, जहां हर हाल में बस कामयाबी चाहिए।मैकाले की शिक्षा व्यवस्था हटाकर भारतीय शिक्षा व्यवस्था अपनानी चाहिए। आज बाप बड़ा न भय्या सबसे बड़ा रुपैया की शिक्षा दी जा रही है, जिससे मां बाप और गुरु का आदर नहीं किया जा रहा है।

By VASHISHTHA VANI

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