शब-ए-बारात (Shab-e-barat) यह वो रात है जब खुदा अपने बंदों पर अपनी रहमत बरसाते हैं. इस रात में जो भी पाक और साफ मन से खुदा की इबादत करता है या अपने गुनाहों से तौबा करता है तो उसे अल्लाह से माफी मिल जाती है.
मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात (Shab-e-barat) एक प्रमुख त्योहार है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शब-ए-बारात का त्योहार शाबान महीने की 15वीं तारीख के मध्य रात को मनाया जाता है. जबकि अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार 18 मार्च को सूर्यास्त से शुरू होकर 19 मार्च सुबह अजान के समय तक शब-ए-बारात मनाया गया. इस त्योहार पर मुंबई के मरीन लाइंस के बड़ा कब्रस्तान में लोगों की काफी भीड़ नजर आई.
बहरहाल मुंबई के मरीन लाइन्स के बड़ा क़ब्रस्तान में भी शब-ए-बारात (Shab-e-barat) मनाया गया. शब-ए-बारात मनाने के लिए आए एक शख्स सलमान कुरैशी कहते हैं, ” इस त्योहार को मृतक की ईद के रूप में माना जाता है, और हम इसे हर साल मनाते हैं.”