Pakistan Economy: पाकिस्तान में चिकन से लेकर दूध तक और आटे से लेकर प्याज तक सभी के दाम आसमान छू रहे है. महंगाई की मार इस देश को चारो तरफ से घेर रही है. बढ़ते कर्ज, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, राजनीतिक अस्थिरता और जीडीपी में भारी गिरावट से जूझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. इस देश में उन कंपनियों का भी बुरा है जो भारत से संबंधित हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर पाकिस्तान के इस हालात का भारत पर कैसे पड़ेगा?
- आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तान में चीन की घुसपैठ बढ़ेगी और नेपाल में प्रचंड की सरकार जो प्रो चीन मानी जाती है. ऐसे में भारत के लिए पाकिस्तान, चीन और नेपाल भी बड़ी चुनौती बन सकता है.
भारत का एक और पड़ोसी अफगानिस्तान में इस वक्त नागरिकों के अधिकार के हनन करने वाली सरकार है. पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ पाकिस्तान अगर उसकी मदद से ताकतवर हुआ तो पाकिस्तान पूरी तरह आतंकवाद के कब्जे में होगा और भारत के लिए चुनौती बन जाएगा.
वर्तमान में पाकिस्तान जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसका असर यहां स्थित देशी या विदेशी दोनों कंपनियों पर पड़ रहा है. अधिकतर कंपनियां घाटे में चल रही है. पाकिस्तान की कंपनियों के बुरे हाल का असर इंडियन कंपनी जैसे जिंदल और टाटा पर भी देखने को मिल सकता है.
PTI की खबर के अनुसार जिंदल ग्रुप का पाकिस्तान में अच्छा खासा बिज़नेस रहा है. स्टील इंडस्ट्री के अलावा यह ग्रुप एनर्जी सेक्टर में भी सक्रिय है. अब अगर वहां के सभी बिज़नेस पर इस संकट का असर पड़ता है तो इस कंपनी पर भी वैसा ही असर पड़ेगा.
Business Today की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें पाकिस्तानियों का पैसा लगा हुआ है. शत्रु संपत्ति विभाग की एक रिपोर्ट के हवाले से बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में 577 ऐसी कंपनियां हैं जिनमें पाकिस्तानियों का पैसा लगा है. इसमें से 266 कंपनियां इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है. वहीं 318 कंपनी नॉन लिस्टेड है लेकिन इसमें भी पाकिस्तान के लोगों की हिस्सेदारी है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत की इन कंपनियों में पाकिस्तानी लोगों के लगभग 400 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है. यहां मैंने कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट का जिक्र किया तो ये डिपार्टमेंट 1965 में हुए इंडिया पाकिस्तान के युद्ध के बाद से एनिमी प्रॉपर्टी पर निगरानी रखती है.
Economic Times के अनुसार बिरला, टाटा , फार्मा कंपनी सिप्ला , विप्रो, डालमिया समेत इंडिया की कई लीडिंग कंपनियों में पाकिस्तानियों का पैसा लगा है. ऐसे में अगर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ता होगी तो इन कंपनियों पर भी उसका सीधा असर देखने को मिल सकता है.