बिहार के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने इस संबंध में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी जिसके बाद आरटीआई (RTI) से यह खुलासा हुआ है.
बिहार में नीतीश सरकार (Nitish Sarkar) के दो मंत्री (Minister) ऐसे हैं, जिन्हें राज्य सरकार से सैलेरी तो मिल ही रही है, साथ ही संसद से पेंशन भी मिल रही है. ये जानकारी आईटीआई में सामने आई है. दरअसल, बिहार के कई ऐसे नेता हैं जो कभी संसद के सदस्य रहे हैं और अब पूर्व सदस्य के तौर पर पेंशन ले रहे हैं. इनमें नीतीश सरकार (Nitish Sarkar) के दो मंत्रियों का नाम भी शामिल है. ये मंत्री हैं- खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन.
बिहार के आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने इस संबंध में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी जिसके बाद 12 अक्टूबर 2021 को सामने आई इस लिस्ट में बिहार सरकार (Bihar Government) के दो मंत्रियों के नाम पेंशन पाने वालों की लिस्ट में हैं. जनक राम और शाहनवाज हुसैन के अलावा बिहार विधान परिषद के वर्तमान सदस्य डॉ संजय पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को भी पेंशन मिल रही हैं, जो लोकसभा के पूर्व सदस्य रह चुके हैं.
वेतन के साथ-साथ नहीं ले सकते पेंशन?
आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय का कहना है कि जो मंत्री हैं वो वेतन के साथ-साथ पेंशन नहीं ले सकते हैं. नियम के अनुसार यह गलत है. उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. इसके बाद भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय की तरफ से 21 अक्टूबर 2021 को जब जानकारी मिली तो इन चार नेताओं का नाम शामिल था. शाहनवाज हुसैन और जनक राम को मंत्री के तौर पर वेतन, भत्ता और सुविधाएं मिल रही हैं. इनके अलावा उपेंद्र कुशवाहा और संजय पासवान को एमएलसी के तौर पर वेतन और भत्ता मिल रहा है.
शाहनवाज हुसैन, उपेंद्र कुशवाहा, संजय पासवान और जनक राम चारों नेता संसद के सदस्य रह चुके हैं. शाहनवाज हुसैन, संजय पासवान और जनक राम लोकसभा के पूर्व सदस्य हैं वहीं उपेंद्र कुशवाहा राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. ऐसे में इन्हें संसद से पेंशन मिलता रहा है. अब ये सभी बिहार विधान परिषद के वर्तमान सदस्य हैं.