- रमेश सर्राफ धमोरा की रिपोर्ट
राजस्थान/वशिष्ठ वाणी। शहीद हवलदार नरेश कुमार का आज राजस्थान में झुंझुनू जिले में उनके गांव बगड़ में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने नम आँखों से शहीद को अंतिम विदाई दी। शहीद हवलदार नरेश कुमार की पार्थिव देह आज सुबह झुंझुनू पहुंची थी। इसके बाद उनकी पार्थिव देह तिरंगा रैली के साथ उनके पैतृक गांव बगड़ के लिए रवाना हुई। झुंझुनू से बगड़ तक निकाली गई इस 15 किलोमीटर लम्बी तिरंगा यात्रा के दौरान रास्ते में जगह-जगह लोगों ने शहीद को नमन कर श्रद्धांजलि दी। आज सुबह से ही इलाके में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। फिर भी लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर डटे रहे। हर कोई झुंझुनू के लाल की शहादत पर गर्व महसूस कर रहा था।

शहीद नरेश कुमार की पार्थिव देह बगड़ कस्बे के मुख्य मार्गो से होते हुए तिरंगा यात्रा के साथ उनके पैतृक आवास पहुंची। जैसे ही उनकी पार्थिव देह घर पहुंची तो घर में कोहराम मच गया। शहीद की पत्नी और बेटी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। उधर शहीद को अंतिम नमन करने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग और जनप्रतिनिधि पहुंचे। परिवारिक रस्मों रिवाजों के बाद उनकी पार्थिव देह को बगड़ रोड स्थित अंत्येष्टि स्थल ले जाया गया। जहां पर सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, सांसद नरेन्द्र कुमार, अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश गौड़, पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण रोहिताश देवेंदा, बगड़ थानाधिकारी श्रवण कुमार बगड़ नगरपालिका अध्यक्ष गोविंद सिंह सहित अनेक लोगों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद जाट रेजीमेंट की बटालियन द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शहीद हवलदार नरेश कुमार की चिता को उनके 7 वर्षीय बेटे नमन ने मुखाग्नि दी। जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान नरेश कुमार शहीद हो गए थे। हवलदार नरेश कुमार आर्मी की 7 पैरा एसएफ यूनिट में कुपवाड़ा स्थित चैकीबल में पोस्टेड थे। गुरुवार को गश्त के दौरान बेहोश होने पर उन्हें मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। नरेश कुमार झुंझुनू जिले के बगड़ कस्बे के रहने वाले थे। नरेश कुमार तीन भाइयों में मंझले थे। उनके बड़े भाई सुरेश सिंह व छोटे भाई मुकेश सिंह हैं। नरेश की पत्नी सुदेश, ग्यारह साल की बेटी मानवी व सात साल का बेटा नमन आगरा में ही रहते हैं। बेटी क्लास 5 व बेटा 3 कक्षा का स्टूडेंट हैं। शहीद नरेश कुमार का ताल्लुक हरियाणा के भिवानी जिले के सांगवान गांव से है। वहां से आकर उन्होंने 10 साल पहले झुंझुनू के बगड़ में जमीन ली थी और वहीं बाइपास इलाके में मकान बना लिया था। पहले नरेश की पोस्टिंग आगरा थी। इसलिए अभी उनका परिवार आगरा में ही रहता है। शहीद के पिता महेन्द्र सिंह व माता सुनीता देवी गांव में ही रहतें हैं।
पूरे देश में झुंझुनू जिले से सेना में सबसे अधिक जवान कार्यरत हैं। पिछले डेढ़ महिने में सेना में कार्यरत झुंझुनू जिले के तीन जवान शहीद हो गये हैं। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 11 अगस्त को दारहाल इलाके में सेना के कैम्प में सो रहे जवानो पर रात तीन बजे हुए आतंकी हमले में राजस्थान में झुंझुनू जिले के मालीगांव के रहने वाले सूबेदार राजेंद्र प्रसाद भाम्बू (48) शहीद हो गए थे। इसी हमले में घायल हुये जिले के जैतपुरा गांव के हवलदार सतपाल सिंह भी 21 अगस्त को शहीद हो गये थे।