• रोहतक में अपना पहला ’मरीज सहायता केंद्र’ खोला

रोहतक। बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, नई दिल्ली ने आज रोहतक में ’पेशेंट असिस्टेंस सेंटर’ खोलने की घोषणा की। शहर के मध्य स्थित मेडिकल मोर में यह अत्याधुनिक मरीज सहायता केंद्र स्थानीय नागरिकों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करेगा, उन्हें अपने घर के पास ही सुविधानुसार देश के प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों तक पहुंच उपलब्ध कराएगा।

इस केंद्र के खुलने से स्थानीय लोगों को प्राथमिक डॉक्टरी परामर्श और विशेषज्ञों की राय लेने के लिए दूरदराज क्षेत्रों का सफर नहीं करना पड़ेगा। नए केंद्र का भव्य उद्घाटन डॉ. अजय कुमार, चेयरमैन-गैस्ट्रोइंटरोलॉजी एंड हीपेटोलॉजी, लिवर डिजीज, डॉ. सुरेंद्र डबास वरिष्ठ निदेशक एवं एचओडी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी, डॉ. भूषण नरियानी वरिष्ठ निदेशक, ज्वाइंट डिजीज एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, डॉ. संजय मेहता, यूनिट हेड एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के अलावा विभिन्न मरीजों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

डॉ मृदुल कौशिक (Dr. Mridul Kaushik) ने कहा, “हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं दे सकें। हम पेट, लीवर, अग्न्याशय और जोड़ों के दर्द के नित्य जीवन की गतिविधियों पर सीधा असर पड़ने के बारे में जानकारी बढ़ाने का प्रयास करते हैं और हमारा उद्देश्य लोगों को उचित वातावरण प्रदान करना है। रोहतक और आस पास में टर्शियरी और क्वार्टरनरी विशिष्टताओं की अनुपलब्धता के कारण अक्सर कई जटिलताओं का देरी से निदान, सही उपचार को लम्बे समय तक खीचता है। हम समझते हैं कि इस तरह की बीमारियां न केवल मरीज को प्रभावित करती हैं बल्कि उनके देखभाल करने वालों पर भी भारी भावनात्मक और वित्तीय बोझ डालती हैं।

डॉ. अजय कुमार (Dr. Ajay Kumar) ने कहा, ’लिवर, पेनक्रियाज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, फैटी लिवर और हेपेटाइटिस से जुड़े रोग खतरनाक गति से बढ़ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर रोगों का इलाज और बचाव संभव है, यदि शुरुआती चरण में ही इनकी पहचान हो जाए। लिवर संबंधी बीमारियां बिना किसी लक्षण के धीरेकृधीरे बढ़ती हैं। लिवर धीरे धीरे क्षतिग्रस्त होने लगता है और मरीज में इसके लक्षण तभी पता चल पाते हैं जब 70 फीसदी से ज्यादा लिवर काम करना बंद कर देते हैं।

लिवर खराब होने से कुपोषण, एसाइटिस, ब्लड क्लॉटिंग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से रक्तस्राव और पीलिया समेत कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं। लिवर खराब होने के मुख्य कारण अल्कोहल सेवन, लंबे समय तक हेपेटाइटिस बी या सी जैसे संक्रमण, प्राइमरी बिलियरी सिरोसिस, एचसीसी, जन्म से ही लिवर में कोई गड़बड़ी आदि हैं। जो लोग गंदगी में रहते हैं, सुरक्षित पेयजल नहीं पीते हैं और लिवर रोगों के अधिक मामलों वाले क्षेत्रों में रहते हैं, उनमें लिवर रोग की संभावना अधिक रहती है। इसकी शुरुआती चरण में डायग्नोसिस और सही रणनीति के साथ इलाज कराने की अहम भूमिका मानी जाती है और मरीज का लिवर लाइलाज क्षतिग्रस्त अवस्था में जब तक नहीं पहुंच जाता है तब तक इसका सफल इलाज संभव है।

डॉ. सुरेंद्र डबास (Dr. Surendra Dabas) ने कहा, ’कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन अच्छी बात है कि आधुनिक उपचार और टेक्नोलॉजी की मदद से इसके इलाज में आश्चर्यजनक सुधार आया है। अत्यंत एडवांस्ड सर्जिकल तकनीकों में रोबोटिक सर्जरी एक बड़ी उपलब्धि है। इस केंद्र पर मरीजों को कैंसर से जुड़ी हर समस्या का समाधान उपलब्ध कराया जाएगा।’

डॉ. भूषण नरियानी (Dr. Bhushan Nariyani) ने बताया, ’आजकल हर उम्र के लोगों में हड्डियों से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। लोग आम तौर पर जोड़ों के दर्द, सूजन और अन्य जटिलताओं की अनदेखी कर देते हैं जबकि उन्हें विशेष देखभाल और इलाज की जरूरत है।

By VASHISHTHA VANI

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