लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर (Lakhimpur Farmers Killing Case) में किसानों को कुचलने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की मंगलवार को जेल से रिहाई हो गई. हाईकोर्ट ने पांच दिनों पहले उनकी जमानत का आदेश दिया था.
आशीष मिश्रा इस केस में हत्या के मामले में आरोपी हैं. आशीष मिश्रा की जमानत का आदेश यूपी में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन 10 फरवरी को आया था और आज 15 फरवरी की जमानत हुई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पुलिस जांच को खारिज कर दिया था. अदालत ने कहा था कि एफआईआर में आशीष मिश्रा को फायरिंग करने वाला बताया गया, लेकिन किसी को भी गोली नहीं लगी. कोर्ट ने कहा कि वाहन चालक को प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए उकसाने वाला बताया गया, लेकिन चालक और अन्य को प्रदर्शनकारियों ने मार डाला.
हाईकोर्ट ने धारा 144 के बावजूद हजारों की भीड़ जुटने पर भी जिला प्रशासन पर सवाल उठाए. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस कहानी मानें कि हजारों लोग जमा हो गए थे तो इस बात की आशंका भी हो सकती है कि चालक ने खुद को बचाने के लिए वाहन को तेज करने की कोशिश की जिसके कारण घटना हुई.
किसान और सपा नेता तजिंदर सिंह विर्क का कहना है कि इतनी बड़ी साजिश में हत्यारोपी को जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरी ओर निर्दोष किसान जेल में हैं, एसआईटी जांच में दोषी शख्स जमानत पर रिहा हो गया है. यह यूपी सरकार की लचर पैरवी का भी नतीजा है. आंदोलन खत्म होने के बाद भी हम लगातार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग उठा रहे हैं. आशीष मिश्रा की रिहाई चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास हो सकता है.