वशिष्ठ वाणी ब्यूरो, मुंबई।
जिन डॉक्टर को हम भगवान का दर्जा देते है, पर आज उसी एक डॉक्टर के बारे में हम बात करे तो केईएम अस्पताल (KEM Hospital) के डॉक्टर ने उस व्यक्ति की जान ले ली जो अपने पूरे परिवार को समेट कर चलता था।
आपको बता दे की यह सारा घटना मुंबई के परेल में स्थित केईएम अस्पताल (KEM Hospital) की है यह एक सरकारी अस्पताल है।

जिस व्यक्ति की जान चली गई उनका नाम हरीश मिश्र (Harish Mishra) है और उनके 2 बच्चे है, जिनकी आयु, एक 20 वर्षीय है तो दूसरी बच्ची 15 वर्षीय है। उन बच्चों ने कुछ वर्ष पहले ही अपने मां को खो दिया था और उस गम से अभी उभरे भी नहीं थे, की आज अपने पिता को भी खो बैठे।
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बता दें कि हरीश मिश्र (Harish Mishra) कुछ दिनों से अपने पैर में तकलीफ़ महसूस कर रहे थे जिसके लिए वह केईएम अस्पताल (KEM Hospital) में डॉक्टर से मिले। डॉक्टर ने उन्हें एक छोटा सा ऑपरेशन के लिए कहा जिसके लिए हरीश मिश्र तैयार हो गए, पर उन्हे क्या पता था की वह अपने पैर की समस्या का समाधान करने नहीं बल्कि अपनी जान गवाने के लिए उस अस्पताल में इलाज के लिए गए थे।
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अब उस डॉक्टर के लापरवाही ने तो घटना को अंजाम दे दिया है पर शर्म की बात तो यह है की उस डॉक्टर के लापवाही को छुपाने के लिए केईएम अस्पताल के डीन लीपापोती में लग गई है। डीन और डॉक्टर का कहना है की ऑपरेशन से इसका कुछ भी लेना देना नहीं, अब यह समझना थोड़ा मुश्किल है की वह ऑपरेशन से पहले काफी स्वस्थ थे बस उन्होन एक गलती किया की उनके पैर में थोड़ी समस्या हुई तो उन्होने सोचा की वह उस बीमारी को बढ़ने से पहले खत्म कर देगें पर हुआ उल्टा उस डॉक्टर ने पैर की समस्या तो दूर नहीं की बल्कि उस व्यक्ति को ही खत्म कर दिया।
अब परिणाम जो भी हो पर उस डॉक्टर ने दो बच्चों को अनाथ तो कर दिया है, अब उसकी भरपाई तो कोई नहीं कर सकता है, पर उस डॉक्टर को यह सबक तो मिलना चाहिए की आगे वह किसी के साथ ऐसा न कर सके और मुंबई पुलिस के कमिश्नर और महाराष्ट्र सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेनी चाहिए, और उस डॉक्टर की गलती साबित हो तो उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
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वशिष्ठ वाणी मीडिया महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस कमिश्नर से आग्रह करेंगे की केईएम अस्पताल के डीन पर भी करवाई हो की क्या वह उस डॉक्टर को बचाने में लगी थी तो उनके उपर भी करवाई हो।