- रामस्वरूप रावतसरे
पर्यटन और रोजगार के बढ़ेंगे अवसर जयपुर-जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के साहित्य महाकुम्भ का आयोजन इस वर्ष 5 मार्च से 14 मार्च तक किया जाएगा। जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित होने वाला जेएलएफ का यह 15 वां संस्करण है। इस बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी आयोजित किया जाएगा। फेस्टिवल में इस साल 15 भारतीय भाषाओं के साहित्यकार सम्मिलित होंगे। राजस्थानी विरासत और संस्कृति पर आधारित कई विशेष सत्र भी फेस्टिवल में आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

जेएलएफ के टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय के राय के अनुसार गत दो वर्षों से कोविड़ महामारी की वजह से जेएलएफ आयोजित नहीें किया जा सका। उन्होंने बताया कि इस साल के प्रोग्राम में साहित्य के विभिन्न पहलुओं के साथ ही, जलवायु परिवर्तन, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर, फिक्शन की कला, काव्य, यात्रा, विज्ञान, इतिहास पर विशेष फोकस रहेगा।
पिछले 15 वर्षों से जयपुर शहर में अपनी भव्य उपस्थिति दर्ज करवाने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से पर्यटन और रोजगार के अवसरों में विशेष बढ़ोत्तरी हुई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2022-23 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की है। यह घोषणा पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।
जेएलएफ के आयोजन से प्रदेश में प्रत्यक्ष तौर पर होटल इण्डस्ट्री, परिवहन, एयरलाइंस जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से कपड़े, ज्वैलरी, हस्तशिल्प, रेस्तरां व अन्य व्वसायों में भी खासी बढ़ोत्तरी लक्षित होगी।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिहं ने अपने संदेश में कहा है कि यह फेस्टिवल सही मायने में देशी- विदेशी लेखकों को एक ऐसा मंत्र प्रदान करता है। जहां से वे साहित्य, संस्कृति और धरोहर के बारे अपने विचार अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहंुचाते है। राजस्थान के जयपुर में सभी लेखकों, वक्ताओं, कलाकारों, संगीतकारों और इस फेस्टिवल में समिलित होने वाले सभी आगन्तुकों का स्वागत है।
10 दिवसीय जेएलएफ 5 मार्च से ऑनलाईन आयोजित किया जाएगा। 10 मार्च को प्रातः 10 बजे होटल क्लार्क्स आमेर में उद्घाटन किया जाएगा। ऑनग्राउण्ड आयोजित होने वाले कुछ वक्ताओं के सेशन्स को ऑनलाईन भी दिखाया जाएगा। फेस्टिवल में राजस्थान की अनेकों भाषाओं और बोलियों पर भी सत्र आयोजित किये जाएंगे।राजस्थान भाषा के प्रसिद्ध कवि और महान साहित्यकार चन्द्र प्रकाश देवल, लेखिका और कवयित्री अनुकृति उपाध्याय, लेखिका वंदना भंडारी सहित अनेक विश्व स्तरीय साहित्यकार महोत्सव का हिस्सा बनेंगे।
रामस्वरूप रावतसरे सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कुलपति की योग्यता पर गुलाबचंद कटारिया ने उठाया सवाल जयपुर -उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कुलपति की योग्यता पर सवाल उठ रहे हैं। कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह की शैक्षणिक योग्यता को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में सवाल लगाया है। इसमें कटारिया ने कुलपति की शैक्षणिक योग्यता और अकादमिक अनुभव की जानकारी मांगी है। मगर इसके जवाब को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन और राजभवन के बीच गेंद एक-दूसरे के पाले में डालने का खेल चल रहा है। ऐसे में अब तक इस सवाल का जवाब नेता प्रतिपक्ष को नहीं दिया जा सका है।
कुलपति की योग्यता और कार्य प्रणाली को लेकर उदयपुर बीजेपी पिछले लगभग एक महीने से विरोध प्रदर्शन कर रही है। वहीं, गुलाबचंद कटारिया के सवाल लगाने के बाद अब कुलपति की शैक्षणिक योग्यता को लेकर यूनिवर्सिटी में भी चर्चाएं तेज है। इसकी बड़ी वजह यूनिवर्सिटी प्रशासन का दस्तावेज मुहैया नहीं कराना है। सवाल के जवाब में दस्तावेज उपलब्ध कराने को लेकर कुलपति का कहना है कि उन्होंने कुलाधिपति कार्यालय से दस्तावेज प्राप्त करने को कहा है। वहीं इससे पहले इस संबंध में कुलपति के निजी सचिव की ओर से भी राजभवन को पत्र लिखा गया था। जानकारी के अनुसार इस मामले में अब राजभवन ने पल्ला झाड़ लिया है। राजभवन ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चिठ्ठी लिखकर कहा है कि गुलाबचंद कटारिया के प्रश्न के संबंध में दस्तावेज सहित तमाम जानकारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से ही मुहैया कराई जाएं। इसे लेकर पूछे जाने पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सीआर देवासी का कहना है कि सवाल के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटा रहे हैं और विधानसभा भिजवा दिए जाएंगे।
प्रोफेसर के तौर पर 10 वर्ष का अनुभव जरूरीराजस्थान की यूनिवर्सिटी में यूजीसी के नियम, यूनिवर्सिटी एक्ट और राजस्थान विधानसभा से पारित यूनिवर्सिटी लॉ संशोधन विधेयक 2019 के तहत कुलपति को दस वर्ष का प्रोफेसर के पद पर अनुभव होना जरूरी है। यह अनुभव नहीं होने पर किसी भी व्यक्ति को कुलपति के लिए योग्य नहीं माना जा सकता। ऐसे में सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में इन दिनों कुलपति के इसी अकादमिक अनुभव को लेकर चर्चाएं हैं।