डायबिटीज (Diabeties) एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य का मुद्दा है. दुनियाभर में इस बीमारी के बड़ी संख्या में मरीज हैं. डायबिटीज की बीमारी वक्त बीतने के साथ काफी खतरनाक साबित होती है. यह शरीर में लगभग किसी भी अंग को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. ऐसे में डायबिटीज को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 नवंबर को ‘विश्व मधुमेह दिवस’ मनाया जाता है. ऐसे में आज ‘विश्व डायबिटीज (Diabeties) दिवस’ के मौके पर हम आपके लिए ऐसी जानकारी लाए हैं, जो आपको मधुमेह के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में मदद करेगी.
शार्प साइट आई हॉस्पिटल्स के सीनियर रेटिना कंसल्टेंट डॉ सिद्धार्थ सेन ने मधुमेह के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के तरीके साझा किए. अपने सुझाव देते हुए उन्होंने बताया, “ डायबिटीज (Diabeties) वाले लोगों को लगातार रहने वाली समस्याओं में से एक दृष्टि का धुंधला होना है.” उन्होंने इसके पीछे का कारण भी बताया. डॉ सेन ने कहा, “हमारे शरीर के अन्य ऊतकों की तरह ही हमारी आंखों के लेंस भी मानव शरीर रचना में रक्त शर्करा के उच्च स्तर के कारण बहुत अधिक तरल पदार्थ खींचते हैं, इससे हमारी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है. ”
डॉ सेन ने बताया कि डायबिटीज के कारण ग्लूकोमा भी हो सकता है. मधुमेह आखों के रेटिना में नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण का कारण भी बन सकता है. नई रक्त वाहिकाएं आंख से तरल पदार्थ के सामान्य प्रवाह में हस्तक्षेप करती हैं, जिससे नेत्रगोलक में दबाव बन सकता है और ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लूकोमा हो सकता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने जोर देकर कहा कि अगर आंखों की यह परेशानी बनी रहती है तो रोगी को स्थायी अंधापन और दृष्टिहीन होने की पूरी संभावना रहती है. मधुमेह रोगी के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे- आंख में काले धब्बे, दृष्टि में उतार-चढ़ाव, दृष्टि में अंधेरा हो सकते हैं. उन्होंने यह बातें हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में बताईं.