जयपुर/बीकानेर। राजस्थान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्रिकेट सट्टेबाजों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए उनकी करोड़ों रुपये अघोषित संपति का खुलासा किया है। आईटी विभाग ने यह कार्रवाई बीकानेर और जोधपुर में की है। आयकर विभाग ने क्रिकेट सट्टेबाजी से जुड़े कई ग्रुपों पर छापामार कार्रवाई कर उनमें खलबली मचा दी। इस कार्रवाई में बड़े पैमाने पर काली कमाई का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग की पांच दिन की कार्रवाई में क्रिकेट सट्टेबाजी से जुड़े ग्रुपों से सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
आयकर विभाग (Income Tax D) के सूत्रों के मुताबकि क्रिकेट सट्टेबाजी में शामिल बीकानेर के सुखदेव चायल ग्रुप, नोखा के झंवर ग्रुप और राठी ग्रुप ने अपनी तरफ से आयकर विभाग के सामने 70 करोड़ रुपये की अघोषित आय स्वीकार कर ली है। छापे की इस कार्रवाई में आयकर विभाग को 15 से ज्यादा अघोषित लॉकर्स मिले हैं। इनमें कई अहम दस्तावेजों के साथ नकदी और ज्वेलरी बाहर निकलने की उम्मीद है. बीकानेर, नोखा और जोधपुर में की गई इस कार्रवाई में सवा करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है।
आयकर विभाग की ओर से इस कार्रवाई में 2.5 करोड़ रुपये की बेशकीमती ज्वेलरी भी जब्त की जा चुकी है। आयकर विभाग को छापों में अलग-अलग ठिकानों से बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी में निवेश संबंधी दस्तावेज भी मिले हैं। आयकर विभाग की टीमों की छापे की कार्रवाई के दौरान की गई जांच में सामने आया है कि इन ग्रुपों ने कोलकाता में कई बेनामी कंपनियां बना रखी है। इन फर्जी कंपनियों में डमी डायरेक्टर बनाकर बड़े स्तर पर निवेश करने की तैयारी की जा रही थी। वहीं ग्रुप के लोगों की ओर से क्रिकेट सट्टेबाजी से की गई काली कमाई को मोटे ब्याज पर देने का कारोबार भी किया जाता रहा हैं। हुंडी के इस कारोबार में भारी भरकम ब्याज वसूलने के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदने के लिए इस गिरोह के साथ कई दूसरे लोगों से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई में करीब 250 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। सभी अधिकारी और कर्मचारी 40 ठिकानों पर की गई कार्रवाई को अंजाम देकर वापस लौट आए हैं। आयकर विभाग की ओर से जब्त किए गए दस्तावेजों, कम्प्यूटर, लेपटॉप और हार्ड डिस्क जैसे सभी उपकरणों की आईटी विशेषज्ञों से जांच करवाएगा. आयकर विभाग की जांच में अघोषित आय का आंकड़ा और बढ़ सकता है।राजस्थान से रामस्वरूप रावतसरे