• रामस्वरूप रावतसरे

बाडमेर के शिव क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अमीन खं ने विधान सभा में बजट पर चर्चा के दौरान खुद की पार्टी पर ही सवाल उठा दिये। अमीन खां ने कहा कि हम कमजोर वर्ग में आते है। और सब जानते है कि 95 फीसदी पोलिंग करते है। जिसमें से 99 प्रतिशत वोट कांग्रेस के पक्ष में डाले जाते है। उनके अनुसार उनकी बिरादरी जितना बीजेपी को लेकर जोखिम उठाती है उतना उन्हें या उनकी बिरादरी को कांग्रेस की ओर से इंसाफ नहीं मिलता।

अमीन खां के अनुसार भाजपा को हम इसकी शिकायत नहीं कर सकते, क्योंकि भाजपा को हम वोट नहीं देते । लेकिन कांग्रेस की जो पुरानी आदत है कि सहयोग भी पूरा ले और दे भी कुछ नहीं। मेहरबानी करके कांग्रेस इस आदत को बदले। अमीन खां ने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस गलत फहमी में नहीं रहे, पहले गांव में अनजान लोग थे, अब लोग जानकार हो गए है। कांग्रेस हम गरीबों के लिए विशेष रियायत दे, क्योंकि किसी भी वर्ग में 95 फीसदी पोलिंग नहीं होती। उनमें से भी कोई भी वर्ग 99 फीसदी वोट एक पार्टी को नहीं देता।

अमीन खां ने गहलोत सरकार की कैबिनेट में दिए गए महकमों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सेड्यूल कास्ट के 4 मंत्री बनाए गए, जबकि हमारा एक कैबिनेट मंत्री साले मोहम्मद है। जिसके पास केवल कब्रों का काम है। जिसका मुसलमान के अलावा किसी से कोई लेना देना नहीं है और जाहिदा के पास गवर्नमेंट प्रेस का काम है। जिनसे हमें कोई किताब छपवानी नहीं। जबकि वसुन्धरा राजे के शासन में उनके पास यूनुस खान केवल एक मिनिस्टर था, लेकिन उसके पास ट्रास्पोर्ट और पीडब्ल्युडी जैसे दो महत्वपूर्ण विभाग थे। जबकि हर कोई जानता है कि यूनुस खान तबलीग जमात का आदमी है और पक्का मुसलमान है।

अमीन खां की नाराजगी यहीं नहीं रूकी, उन्होंने कहा कि बजट वर्ष 2022-23 में उन्हें नजर अंदाज किया गया है। यह आम बजट है, हमारे लिए बजट नहीं। आखिर क्यों क्या कारण रहा होगा। उन्होंने कहा कि हमें भाजपा के हिन्दुत्व की बात को लेकर डराया जाता है। जबकि भाजपा हिन्दुत्व की बात ही करती है। उसके लिए किसी को डराती नहीं है। हिंदू घर्म में साफ लिखा है कि किसी को मारेगें नहीं, अगर हिंदू राज हो गया तो भी हम को तसल्ली है कि कोई हमकों मारेगा नहीं। अमीन खां के अनुसार ये सब बाते उनके समुदाय को डराने के लिए गढी जाती है। जिससे एक समुदाय के लोग डर कर उन्हें वोट देते रहें।

अमीन खान का कहना है कि राजस्थान में उर्दू को महत्व नहीं दिया जा रहा है। यह कॉन्ग्रेस की पुरानी आदत रही है। उन्होंने कहा कि अब लोग समझदार हो गए हैं, चीजों को समझने लगे हैं। इसलिए कॉन्ग्रेस को अपनी आदत बदल देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देते, इसलिए वे भाजपा वालों को दोष नहीं दे सकते।

दरअसल, अमीन खान इस बात से दुखी हैं कि मंत्रीमण्डल में स्थान मिलना तो दूर रहा उनके विधान सभा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सड़के तक नहीं बनाई जा रही जबकि दूसरों के इलाके में सड़को का जाल बिछाया जा रहा हैं। उनका कहना है कि वे पिछले पाँच बार से विधायक हैं, लेकिन उनके क्षेत्र की अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा “अपने क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के आवासीय स्कूल, सड़क की माँग की थी, लेकिन बजट में दोनों की चर्चा नहीं है।”

साल 2011 में अमीन खान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को लेकर कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की रसोई संभालने का इनाम राष्ट्रपति पद के रूप में मिला है। इसके बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

विधायक अमीन खां का दर्द निजी हो सकता है लेकिन उनकी भाषा का प्रवाह, इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि यदि कांग्रेस उनका समर्थन और साथ चाहती है, तो उसी प्रकार उन्हें स्थान भी दे, मान सम्मान भी दे। एक बात यह भी सामने आ रही है कि कांग्रेस अपनी हिन्दु विरोधी छवी को सुधारने के लिए मन्दिर, भगवें तथा भागवत की ओर बढ रही है। तो मुसलमान भी कांग्रेस में अपनी उपस्थिति को लेकर चिन्तित सा दिख रहा है। अब वह पिछलगु नहीं, बराबर खड़ा होना चाहता है।

By VASHISHTHA VANI

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