मुम्बई। आपको याद होगा की महाराष्ट्र (Maharashtra) में PMC बैंक द्वारा जो घोटाला हुआ था उसके कारण आरबीआई (RBI) ने उसके कार्य को रोक दिया था, जिसके कारण उसकी पूरी सजा मुंबईकर को मिली, जानकारी के अनुसार पीएमसी द्वारा राशि न मिलने से कितने लोगो ने तो अपनी जान भी गवां दी थी। पर उसका असर न आरबीआई को पड़ा और न उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को पड़ा।

अब आरबीआई द्वारा पीएमसी बैंक को बंद कर दिया गया है, और दिलचस्प बात तो यह है की आरबीआई ने पीएमसी की जगह यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (Unity Small Finance Bank) का निर्माण कर दिया, और ताजुब की बात तो यह है की सिर्फ नाम ही बदला पर सारे कर्मचारी पीएमसी बैंक के ही है, और पीएमसी बैंक के सभी ग्राहकों के लोन राशि की वसूली कर रहे है, अब इस यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा किसी भी ग्राहक को कोई लेटर जारी नहीं किया गया, वह यह सब वसूली सभी ग्राहकों को कॉल करके वसूली कर रहे हैं, अब आरबीआई कहती है की जब तक कोई प्रमाण न हो आप किसी को राशि न दे लेकिन यहां तो सब उल्टा है, जब कोई भी यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक से लेटर की मांग करता है तो उसे जवाब मिलता है रूम पर कब्जा करने की धमकीदी जाती है, अब इसे क्या कहेंगे? यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक की मनमानी, और आरबीआई का समर्थन?

इस विषय को लेकर हमारे पास एक महिला की शिकायत भी आई की यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (Unity Small Finance Bank) द्वारा न लेटर दिया जा रहा है और न ही समय, इस विषय को लेकर उस महिला ने आरबीआई और खुद को देश का प्रधानसेवक कहने वाले नरेंद्र मोदी जी से भी उन्होंने निवेदन किया, पर उसका कुछ खास असर नहीं हुआ, उस महिला ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कहा की “मेरी अभी आर्थिक स्थिति काफी खराब है और मैं अभी होम लोन का राशि भरने में असमर्थ हूं कृपा करके मुझे समय दिला दे।” पर अभी उसे कुछ सहयोग मिला नहीं, बल्कि यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के मैनेजर का उस महिला को कॉल करके यह जानकारी दी गई हमने रूम को कब्जे में लेने के लिए मुंबई के कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है, अब इसे भी बताने के लिए उन्होंने कॉल ही किया जब महिला ने लेटर मांगा तो उन्होंने कॉल कट कर दिया। अब इसे आप क्या कहेंगे मनमानी ही ना?

अगर यह समाचार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जी अगर पढ़ते हैं तो हम भी उनसे यही निवेदन करना चाहेंगे की आप उस महिला को कुछ महीनों का समय दिला देंगे तो उसके परिवार को काफी राहत मिलेगी। संसद वाणी के संवाददाता ने खुद जा कर देखा है की वह काफी दिक्कत में है उनके किसी भी बैंक खाते में एक रुपया भी नहीं है, वह इस समय काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, उसके बाद भी उन्हें सिर्फ समय ही चाहिए।