राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का यह कथन आज भी सार्थक है- ‘अगर आप असली भारत को देखना चाहते हैं, तो गांवों में जाएं, क्योंकि असली भारत गांवों में बसता है.’ लिहाजा, देश तभी खुशहाल होगा, जब गांव विकसित होंगे, क्योंकि देश की 65 फीसदी आबादी आज भी गांव में ही बसती है. देश में ऐसे कई गांव हैं, जो तरक्की की राह दिखा रहे हैं. ऐसा ही एक गांव है नागालैंड का खोनोमा गांव (Khonoma Village, Nagaland).

700 साल पुराने इस गांव के लोग भी पहले शिकार किया करते थे. मगर 1998 में खोनोमा के लोगों ने खुद पर शिकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि शिकार की वजह से कई पशु-पक्षी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए थे. तब से खोनामा गांव को पर्यावरण संरक्षण गांव के तौर पर भी देख जाता है.

खोनामा गांव के लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत और पारिस्थितिक तंत्र को बरकरार रखना चाहते हैं. लिहाजा, उन्होंने किसी के कहने पर नहीं, बल्कि खुद को संरक्षित रखने के लिए नियम बनाए. यहां पेड़ काटे नहीं जाते हैं. अगर किसी को कुछ बनवाना होता है, तो वे पूरा पेड़ नहीं काटते बल्कि टहनियों को काटते हैं. वैसे इस गांव में खेती बहुत कम होती है, जो लोग करते हैं वे झूम खेती करते हैं.

By VASHISHTHA VANI

हिन्दी समाचार पत्र: Latest India News in Hindi, India Breaking News in Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

x